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जीएसटीः विरोध से बरस गया सोना!

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简介माल और सेवा कर (जीएसटी) के अमल में खामियों और उसकी बेहद उलझाऊ प्रक्रिया की तीखी आलोचना हुई और लोगों ...

माल और सेवा कर (जीएसटी) के अमल में खामियों और उसकी बेहद उलझाऊ प्रक्रिया की तीखी आलोचना हुई और लोगों ने चौतरफा गुस्से का इजहार किया है. लेकिन सबसे मारक हमला तो शायद आश्चर्यजनक रूप से फिल्मी दुनिया से आया. फिल्म मर्सल में तमिल सितारे विजय (अपने लाखों दीवानों के लिए इलयतपथी या नौजवान कमांडर) ने सिंगापुर के मुकाबले भारत में स्वास्थ्य सेवाओं और दवाइयों पर जीएसटी की मार पर तीखा हमला किया.अगर भारतीय जनता पार्टी ने इस पर हायतौबा नहीं मचाया होता तो शायद मर्सल (यानी झटका या धक्का) में डॉक्टर की भूमिका में विजय के जीएसटी विरोधी संवाद को महज फिल्मी डॉयलाग मान लिया जाता. लेकिन इस विवाद से विपक्ष को भाजपा पर हमले का मौका मिल गया.पक्ष विपक्ष की इस सियासी जंग का फायदा फिल्म को भी हुआ. 18 अक्तूबर को रीलिज होने के पहले ही हफ्ते में मर्सल की कमाई 160 करोड़ रुपए जा पहुंची. कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि 200 करोड़ रु. से ज्यादा कमाई करने वाली विजय की यह पहली फिल्म हो सकती है.तमिलनाडु में अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिश में जुटी भाजपा को जीएसटी पर फिल्म में की गई टिप्पणी ‘झूठी’ लगी. यहां के वित्त राज्यमंत्री पोन राधाकृष्णन ने फिल्म में सेंसरशिप करने की बात तक कर डाली. उन्होंने जनहित में फिल्म के संबंधित हिस्से पर कैंची चलाने की मांग कर डाली. और तो और पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एच. राजा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति इस ‘नफरत’ की वजह विजय का ईसाई होना बताया.उन्होंने बताया कि उनका असली नाम जोसेफ है. पार्टी राष्ट्रीय सचिव के इस बयान ने पूरे मामले को सांप्रदायिक रंग दे दिया. ऑद्ब्रजर्बर रिसर्च फाउंडेशन की चेन्नै शाखा के निदेशक एन. सत्यमूर्ति के मुताबिक,जीएसटीःविरोधसेबरसगयासोना ‘‘राज्य में भाजपा के नेता अपने विरोधियों को गैर-हिंदू बताकर वोटरों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश में हमेशा लगे रहते हैं. यह तरीका यह लोग एक बार नहीं बल्कि कई बार अपना चुके हैं.’’हालांकि फिल्म में जीएसटी की आलोचना पर विवाद भी चकित करने वाला था लेकिन इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता था, क्योंकि आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार बताए जाने वाले जीएसटी की पेचीदगी और उलझन पर आलोचना तो स्वाभाविक है. 6 अक्तूबर को सरकार ने खुद जीएसटी के तौर-तरीकों में बदलाव लाकर आलोचनाओं को शांत करने की कोशिश की. इससे छोटे व्यापारियों और निर्यातकों को भले थोड़ी राहत मिली लेकिन अभी इस पर हंगामा मचा हुआ है.लिहाजा, राजस्व सचिव हसमुख अधिया को कहना पड़ा कि जीएसटी के ढांचे में पूरी तरह बदलाव की दरकार है. हालांकि बाद में उन्होंने इसे संभालने की कोशिश की, लेकिन इन टिप्पणियों से जीएसटी को लेकर असंतोष बढ़ता ही जा रहा है. इस असंतोष ने भले ही भाजपा के लिए दिक्कतें खड़ी कर दी हों लेकिन फिल्म स्टार विजय के लिए यह फादयेमंद रहा. विजय के लिए यही असंतोष बॉक्स आफिस पर सोना बनकर बरसा है.

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