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Air Pollution: हर साल 15 लाख लोगों की मौत, 9 साल कम हो रही जिदंगी, वायु प्रदूषण पर चौंकाने वाला दावा

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简介Delhi-NCR Pollution Level AQI, Weather Updates: दिवाली के दो दिनों के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ल ...

Delhi-NCR Pollution Level AQI,हरसाललाखलोगोंकीमौतसालकमहोरहीजिदंगीवायुप्रदूषणपरचौंकानेवालादावा Weather Updates: दिवाली के दो दिनों के बाद भी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एयर क्वालिटी 'गंभीर' कैटेगरी में बनी हुई है. आनंद विहार में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 600 से ऊपर दर्ज किया गया. सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फॉरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के शनिवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, ओवरऑल AQI दिल्ली का 456 था. एयर पॉल्यूशन को लेकर चौंकाने वाला दावा किया गया है. कहा गया है कि वायु प्रदूषण कीवजह से हर साल भारत में 15 लाख लोगों की जान चली जाती है.पर्यावरणविद् विमलेन्दु झा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, ''वायु प्रदूषण से हर साल 15 लाख लोगों की मौत होती है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोग वायु प्रदूषण के कारण अपने जीवन के 9.5 साल खो देते हैं. लंग केयर फाउंडेशन का कहना है कि वायु प्रदूषण के कारण हर तीसरे बच्चे को अस्थमा है.''उल्लेखनीय है कि हर साल अक्टूबर-नवंबर में दिल्ली-एनसीआर की हवा प्रदूषित हो जाती है. इसके पीछे पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी यूपी में जलने वाली पराली के साथ-साथ गाड़ियों, फैक्ट्री से निकलने वाला धुंआ भी काफी हद तक जिम्मेदार है. हालांकि, सरकारों ने पराली जलाने को प्रतिबंधित किया है और जुर्माना भी लगाया है, लेकिन इसके बावजूद भी कई जगह पराली जलाए जाने के मामले सामने आते रहते हैं.Air pollution kills 15 lakh people every year. A report pointed out that people living in Delhi-NCR loses 9.5 yrs of their lives because of air pollution. Lung Care Foundation says every 3rd child has asthma due to air pollution: Vimlendu Jha, Environmentalist दिल्ली समेत उत्तर और मध्य भारत के ज्यादातर हिस्सों में एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब कैटेगरी में पहुंच गया है. दिवाली के बाद एयर पॉल्यूशन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. शनिवार को कनॉट प्लेस और जंतर मंतर पर पीएम10 लेवल 654 और 382 दर्ज किया गया था. साथ ही पीएम 2.5 जंतर मंतर के पास 341 और आईटीओ पर 374 दर्ज किया गया.दिल्ली, एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी चिंता जताई है. उन्होंने दावा किया कि कोरोना वायरस पॉल्यूशन में ज्यादा समय तक रहता है. गुलेरिया ने कहा कि जिन जगहों में प्रदूषण ज्यादा होता है, वहां-वहां कोविड-19 की स्थिति और गंभीर हो सकती है. एयर पॉल्यूशन की वजह से फेफड़ों, अस्थमा से पीड़ित मरीजों पर ज्यादा असर पड़ता है.केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 462 दर्ज किया गया है. कुछ इलाकों में ये 500 के पार पहुंच गया है. एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को शून्य और 50 के बीच 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 के बीच 'गंभीर' श्रेणी में माना जाता है.

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